Considerations To Know About sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे ।
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा॥
नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. click here धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.